Bullet train in India | Bullet train Gk


भारत में बुलेट-ट्रेन
भारत में पहली बुलेट-ट्रेन मुम्बई व अहमदाबाद के मध्य चलाए जाने की सम्भावना है | इस रूट पर तेज रफ़्तार से चलने वाली रेल परियोजना को सरकार ने मन्जूरी दे दी है | इस परियोजना के पुरे होने के पश्चात् मुम्बई और अहमदाबाद के बीच 492 किमी की यात्रा का समय मैजूदा सात घन्टे से घटकर ढाई घन्टे रह जाएगा| रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की गति 300 किमी प्रति घन्टा होगी और इससे वित्तीय रूप से मजबूर दो शहरों की यात्रा ढाई घन्टे में की जा सकेगी |

भारत में मैट्रो रेल (Metro Rail in India)
देश में मैट्रो रेल का शुभारम्भ 1972 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी द्वारा ‘कोलकाता मेट्रो रेलवे’ के साथ किया गया| यह परियोजना सितम्बर, 1995 में अपना सम्पूर्ण सवरूप ग्रहण कर सकी| ज्ञातव्य है कि दमदम से टोलीगंज तक विस्तुत्व इस भूमिगत रेलमार्ग की कुल लम्बाई 16.45 किमी है |

दिल्ली मैट्रो रेल की स्वीकृति 1996 में दी गई थी तथा इसका व्यावसायिक परिचालन सवर्प्रथम 25 दिसम्बर, 2002 से तीस हजारी से शाहदरा के बीच हुआ था | यह भारत सरकार तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार का संयुक्त उपक्रम है | इसकी संज्ञा है दिल्ली मेट्रो रेल-ट्रांजिट प्रणाली (MRTS)|

मैट्रो रेलवे का संसोधन अधिनियम 2009 को 16 अक्टूबर, 2009 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, बंगलुरु, मुंबई तथा चेन्नई महानगर क्षेत्र में मैट्रो परियोजनाओं को उचित वैधानिक स्तर प्रदान करने के लिए लागु किया गया था|
बंगलुरु (बंगलौर) में मैट्रो रेल सेवा की शुरुआत 20 अक्टूबर, 2001 से हुई है | नम्मा मैट्रो (Namma Metro) अर्थात् हमारी मैट्रो सेवा के लिए ढाँचागत् सुविधाओं का विकास जापान के सहयोग से किया गया है | इसको 31 मार्च, 2013 तक पूरा करने का लक्ष्य था | केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित कोलकाता मैट्रो के पूर्वी-पशिचमी कॉरिडोर को 31 जनवरी, 2015 तथा चेन्नई मैट्रो रेल परियोजना के 31
मार्च, 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य है | ध्यातव्य है कि इनके अलावा हैदराबाद मेट्रो और मुम्बई में वर्सोवा-अन्धेरी घाटकोपर एवं चारकोप-बान्द्रा मानखुर्द के लिए सार्वजनिक निजी भागिदार (PPP) आधार पर मैट्रो रेल परियोजनाएँ आरम्भ की गई हैं |

पहली मोनो रेल (मोनो रेल)
1 फरवरी, 2014 को भारत में पहली मोनो रेल मुम्बई में चलाई गई| इसकी शुरुआत मुम्बई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेन्ट अर्थारिती (MMRDA) द्वारा की गई| यह ट्रेन सर्वप्रथम चेन्बुर से वाडला डिपो तक कुल 19.54 किमी के बीच चलाई गई | यह इकहरी लाइन वाली ट्रेन है जिसमें कुल 18 स्टेशन हैं | इस रेल की रफ्तार (गति) 32 किमी/घंटा है | इसका मुख्यालय मुम्बई है |

भारत में ट्वाय (Toy) ट्रेन
भारत रेलवे द्वारा निम्नलिखित ट्वाय ट्रेन्स भी चलाई जाती हैं | यथा
·         दार्जलिंग ट्वाय ट्रेन
·         नीलगिरी माउन्टेन ट्रेन
·         शिमला ट्वाय ट्रेन
·         माथेनरान ट्वाय ट्रेन

पहली हाई स्पीड ट्रेन का सफल परिक्षण
भारत की पहली है स्पीड ट्रेन का सफल परिक्षण 3 जुलाई, 2014 को किया गया | यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आगरा कैंट के बीच चलाई गई|

भारत रेलवे एशिया का दूसरा तथा एकल प्रबन्ध के अधीन विशव का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है |  भारत में यह नेटवर्क 155 वर्षों से भी अधिक समय से परिवहन क्षेत्र का मुख्य संघटक रहा है, इसके 1.5 मिलियन से भी अधिक कर्मचारी है | भारतीय रेलवे ने अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एकसाथ जोड़ने में और देश की राष्ट्रीय एकता व अखण्डता का संवर्द्धन करने में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है |


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  • सन् 1947 के देश विभाजन के बाद भारत की 11200 किमी रेल लाइन पाकिस्तान में चली गई|
  • सन् 1947-48 में भारत में रेलमार्गों की कुल लम्बाई 54375 किमी थी|
  • सन् 1948 में चितरंजन (पश्चिम बंगाल) में ‘चितरंजन लोकोमोटिव कारखाना’ स्थापित किया गया| 1950 ई. में इस कारखाने से पहला भाप इंजन बनाया गया |
  • सन् 1953 में इस कारखाने की स्वर्ण जयंती पर मद्रास में ‘इंटीग्रल रेल कोच फेक्ट्री’ की स्थापना की गई|
  • 1 मार्च, 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रोडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच शुरू की गई, इसका नाम ‘राजधानी एक्सप्रेस’ रखा गया| दूसरी ‘राजधानी एक्सप्रेस’ सन् 1972 में दिल्ली से बम्बई सेन्ट्रल के मध्य चलाई गई थी|
  • 5 फरवरी, 1972 को चितरंजन कारखाने में भाप के इंजन का निर्माण बंद किया गया| अंतिम भाप इंजन का नाम ‘आखिरी सितारा’ था |
  • वर्तमान में भारत की सबसे लम्बी दुरी तय करने वाली रेल ‘विवेक एक्सप्रेस’ है| यह डिब्रूगढ़ (असम) से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) तक जाती है | यह रेलमार्ग भारत का सबसे लम्बा तथा विश्व का आठवाँ सबसे लम्बा रेलमार्ग है| इसकी लम्बाई 4278 किमी है| विवेक एक्सप्रेस एस दुरी को 82 घन्टे 40 मिनट में तय करती है |
  • भारत की दूसरी सबसे लम्बी दुरी तय करने वाली रेल हिमसागर एक्सप्रेस 3 अक्टूबर, 1984 को शुरू की गई, जो जम्मू से कन्याकुमारी तक, 3738 किमी का सफर तय करती है | यह रेलगाड़ी इस सफर के दौरान कुल 11 राज्यों से होकर गुजरती है |
  • सन् 1855 में बने फेयरी क्वीन भाप इंजन को सबसे लम्बे समय (133 वर्ष) तक चालित अवस्था में होने के कारण सन् 1988 में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ में शामिल किया |
  • 11 जनवरी, 1992 को कपूरथला कोच फैक्ट्री ने पहला स्वदेशी वातानुकूलित सवारी डिब्बा बनाया |
  • 8 मई, 1993 को जयपुर व अजमेर के मध्य पहली ‘डिजिटल सूक्ष्म तरंग लिंक’ पर्णाली स्थापित |
  • सन् 1995 में रेल परिवहन संग्रहालय का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय रेल संग्रहालय’ किया|
  • 4 मार्च, 1996 में मुम्बई के विक्टोरिया टर्मिनल का नाम बदलकर ‘छत्रपति शिवाजी टर्मिनल’ रखा गया|
  • सन् 1999 में दिल्ली जंक्सन विशव परिद्श्य पर अंकित हुआ| इस वर्ष यहाँ 11000 रिले और 1122 मूवमेंट वाली सर रिले इन्टर लॉकिंग व्यवस्था शुरू की गई| इसके अन्तर्गत 45 दिनों के कार्य को मात्र 44 घन्टे में पूरा कर लिया गया|
  • विशव की इस सबसे बड़ी रूट रिले व्यवस्था को लागु करने के फलस्वरूप दिल्ली जंक्सन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ|
  • 1 अगस्त, 1999 को पठानकोट-पालमपुर मार्ग पर छोटी लाइन की लग्जरी गाड़ी कांगड़ा क्वीन शुरू हुई|
  • भारत रेलवे में 16 अप्रैल को ‘रेल दिवस’ तथा 10-16 अप्रैल को ‘रेल सप्ताह’ मनाया जाता है|
  • भारतीय रेलवे में अधिकतम रेलवे सुरंगों वाला रेलवे खण्ड उत्तर रेलवे का कालका-शिमला खण्ड है, जिस पर 103 सुरंगें है|
  • 14 फरवरी, 2009 को जम्मू-कश्मीर राज्य में मजहोम (बड़गाम) से बारामुला के बीच रेल सेवा का शुभारम्भ किया| इस रेल सेवा के शुरू हो जाने के बाद उत्तर व दक्षिण कश्मीर देश के रेलमार्ग मानचित्र पर अंकित हो गए|
  • 14 फरवरी, 2009 को कानपूर (उत्तर प्रदेश) में ‘डिरेलमेंट तकनीक’ का सफल परीक्षण किया गया| यह विश्व में पहला ऐसा पर्योग है, जिसमें कि ट्रैक से उतरते ही रेल के पहिये थम जाएँगे|