- सन् 1848 में कलकत्ता में ग्रेट इण्डियन पेनिनसुला रेलवे कम्पनी की स्थापना की गई तथा इसी वर्ष हावड़ा से रानीगंज तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ । सन् 1850 में इसी कंपनी ने बम्बई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने जा कार्य प्रारम्भ किया ।
- 18 फरवरी, 1852 को भायखला के पास ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे ने बड़ी लाइन के भाप के इंजिन लार्ड फाकलैण्ड को पहली बार शंटिंग के लिए चलाया ।
- एशिया एवं भारत में प्रथम रेल यात्रा 16 अप्रैल, 1853 को 3:30 बजे बोरीबंदर से प्ररम्ब हुई । रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए तीन भाप इंजिन सुल्तान, सिन्धू तथा साहिब खीच रहे थे । बीस डिब्बों में 400 यात्रियों को लेकर ये गाड़ी रवाना हुई। रेलगाड़ी ने 34 किमी का सफर सवा घंटे में तय किया। यह सायं 4:45 बजे ठाणे पहुँची।
- 18 अप्रैल, 1853 को पहली उपनगरीय रेल चलाई गई, जो बड़ी लाइन (1676 मी) की रेलगाड़ी थी। इसी दिन रेल का समय सारणी भी तैयार की गई।
- हावड़ा से रानीगंज के मध्य प्रथम रेलगाड़ी 1 फरवरी, 1855 को चली, जिसमें 'फेयरी क्वीन' नामक भाप इंजन जोड़ा गया था।
- सन् 1855 में सूरत, बड़ौदा(BB) तथा सेन्ट्रल इण्डियन रेलवे (CIR) की स्थापना की गई।
- उत्तर रेलवे का प्रथम रेलमार्ग इलाहाबाद से कानपुर के बीच 3 मार्च, 1857 को खोला गया।
- सन् 1858 में दो अन्य रेल जोन-ईस्टर्न बंगाल रेलवे तथा ग्रेट साऊथ रेलवे की स्थापना की गई।
- भारत में भाप इंजन 1865ई. में बनने शुरू हुए। जमालपुर कारखाने में एक्सप्रेस नामक पहला भाप इंजन बनाया गया। इसके कल-पुर्जे अलग-अलग कारखाने से मंगवाए गए थे।
- कलकत्ता ट्रामवे लिमिटेड कंपनी ने 24 फरवरी, 1873 को पहली ट्राम सियालदाह से आर्मेनियम घाट स्ट्रीट तक चलाई। इस ट्राम का सफर 3.8 किमी लम्बा रहा था।
- देश की प्रथम नैरोगेज रेल 8 अप्रैल, 1873 को बड़ोदा स्टेट रेलवे द्वारा चलाई गई। इस रेल ने 32 किमी का सफ़र दभोई से मियागांव तक किया।
- रेल में सफ़र करने वाले यात्रियों एवं माल की सुरक्षा के लिए 1872 ई. में सुरक्षा बल की स्थापना की गई। उस समय इसका नाम वॉच-एण्ड-वार्ड था, जिसे सन 1954 में रेल सुरक्षा बल (सिक्युरिटी फोर्स) व सन् 1957 में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) किया गया।
- अजमेर में सन् 1887 में कैरेज कारखाने का उद्घाटन अजमेर में ही सन् 1895 में एक-734 नामक पहला स्वदेसी भाप इंजिन बनाया गया। इसके सभी कल-पुर्जे यही बने थे।
- सन् 1865 में स्थापित जमालपुर कारखाने का पहला स्वदेसी भाप इंजिन 1899 ई. में बना। इस इंजिन का नाम 'लेडी कर्जन' रखा गया।
- रेलवे बोर्ड का गठन 18 फरवरी, 1905 को किया गया | इसमें अध्यक्ष तथा दो सदस्यों के पद सूचित किए गए |
- भारत में डीजल इंजन का संचालन गायकवाड़-बड़ोदा रेलवे ने 1932ई. में किया | यह इंजन 95 बी. एच. पी. का था | इसका निर्माण आर्मस्ट्रांग व्हाइट बर्थ ने किया था |
- सेन्ट्रल इण्डियन रेलवे ने भारत में सन् 1937 में रेल विभाग को परिवहन एवं संचार मन्त्रालय को सौंपा गया | सन् 1942 में मुम्बई-बड़ोदा रेलवे (BB) तथा सेन्ट्रल इण्डियन रेलवे (CIR) को भी सरकार के अधीन किया गया |
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